अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ से हीरा उद्योग की दिवाली फीकी पड़ सकती है।
सूरत का डायमंड उद्योग अमेरिका पर काफी निर्भर है और वही इसका बड़ा मार्केट है।
अब तक जितने भी डायमंड और ज्वेलरी के ऑर्डर मिले थे वे पूरे हो चुके हैं, लेकिन नए ऑर्डर टैरिफ लागू होने के बाद रोक दिए गए हैं।
भारत का अपना मार्केट लगभग 80 बिलियन डॉलर का है, इसलिए अब इस बात पर काम किया जाएगा कि भारत में बने डायमंड और ज्वेलरी देश के भीतर कैसे बेचे जाएं।
सबसे ज्यादा असर SEZ जैसे नोटिफाइड जोन को होगा, क्योंकि ये डायरेक्ट एक्सपोर्ट करते हैं।
अगर दो महीने तक भी यही स्थिति रही तो SEZ जोन के कई कारीगर बेरोजगार हो सकते हैं।
GJEPC (जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) ने सरकार से मांग की है कि SEZ नोटिफाइड जोन को घरेलू मार्केट में कारोबार करने की अनुमति दी जाए और मार्केटिंग के लिए अलग से फंड भी आवंटित किया जाए।
दूसरी ओर, कई हीरा उद्योगपति अपने हीरों की बिक्री के लिए अमेरिका के अलावा अन्य देशों के बाजारों की तलाश कर रहे हैं।
अमेरिका भले ही बड़ा मार्केट था, लेकिन अब विश्व के अन्य देशों में डायमंड की बिक्री और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।




News by :
Mayank agarwal
Gujrat State Head
