सूरत रेलवे पुलिस ने एक मानसिक रूप से अस्वस्थ महिला को 10 साल बाद उसके परिवार से मिलवाकर मानवता की मिसाल पेश की। महिला ट्रेन नंबर 22945 (सूरत-लखनऊ एक्सप्रेस) में यात्रा के दौरान डाकोर स्टेशन के पास गिरकर घायल हो गई थी। उसे सूरत सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के बाद वह कुछ बोलने लगी।

महिला केवल अपने पिता का नाम “बाबूलाल” और क्षेत्र “लखनऊ” बता पा रही थी। पुलिस ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा की, जिसके आधार पर उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के बाबूलाल ने अपनी बेटी की पहचान की, जो वर्ष 2015 से लापता थी।

दिनांक 23 जुलाई को बाबूलाल सूरत पहुंचे और अपनी बेटी को पहचान कर अपने साथ ले गए। इस पुनीत कार्य में महिला हेल्प डेस्क की एएसआई मनीषा बेन और महिला लोक रक्षकों की अहम भूमिका रही।

News by :
Mayank agarwal
Gujrat State Head

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