नगर आयुक्त को पद से हटाने की मांग

बी.पी.एम.सी. एक्ट की धारा 36(3) के तहत नगर आयुक्त के खिलाफ प्रस्ताव लाने की अपील

सूरत शहर में एक बड़ी प्रशासनिक हलचल सामने आई है। पूर्व नगरसेवक विजयभाई पानसेरिया ने सूरत के मेयर को एक पत्र लिखकर वर्तमान नगर आयुक्त को पद से हटाने की मांग की है। उन्होंने यह मांग “दि बॉम्बे प्रांतीय नगर निगम अधिनियम, 1949 (The BPMC Act, 1949)” की धारा 36 की उपधारा (3) के तहत की है।
पत्र में पूर्व पार्षद विजयभाई पानसेरिया ने उल्लेख किया है कि पिछले तीन वर्षों से कार्यरत नगर आयुक्त अपनी प्रशासनिक अक्षमता के चलते सूरत शहर और यहां के नागरिकों के हित में कार्य करने में पूरी तरह विफल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि:
मानसून की शुरुआत होते ही शहर के कई क्षेत्रों, जैसे कि लिम्बायत, पर्वत पाटिया, सणिया हेमाद, सीमाडा, कठोदरा, पासोदरा आदि में खाड़ी का पानी भर गया, जिससे आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
नगर आयुक्त टाउन प्लानिंग में सुव्यवस्थित योजना बनाने में विफल रहे हैं।
सूरत से गुजरने वाली खाड़ी के प्राकृतिक प्रवाह को रोकने वाले अवैध निर्माणों पर कार्रवाई करने में विफल रहे।
मिंढोला नदी के पास बने अवैध झींगा तालाबों को हटाने में भी असफल रहे, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बने।
पूर्व पार्षद के अनुसार, इन सभी विफलों के चलते हजारों परिवारों और छोटे-बड़े व्यापारियों को करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
इन सभी कारणों को आधार बनाते हुए उन्होंने मेयर से मांग की है कि:
“बीपीएमसी एक्ट की धारा 36(3) में उल्लिखित प्रावधान के अनुसार, यदि कोई अधिकारी अयोग्यता, दुर्व्यवहार या कर्तव्य में लापरवाही करता है, तो उसे कभी भी पद से हटाया जा सकता है।”
इसी आधार पर नगर आयुक्त को उनके पद से हटाने के लिए आगामी आम सभा में अतिरिक्त कार्य के रूप में प्रस्ताव लाया जाए, ऐसी मांग पत्र के माध्यम से की गई है।

News by
Mayank Agarwal
Gujarat State office

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